ग्राम पंचायत स्तरीय आपदा प्रबन्धन प्रशिक्षण कार्यक्रम, जन-जागरूकता अभियान तथा आपदा प्रबन्धन कार्ययोजनाऐं विकसित किये जाने हेतु तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम
प्रथम दिवस :-
आपदा प्रबन्धन प्रषिक्षण में प्रतिभाग करने वाले प्रतिभागियों का पंजीकरण करने के पश्चात् प्रशिक्षण कार्यक्रम का विधिवत् शुभारम्भ किया गया। ग्राम में आपदा रोकथाम तथा आपदा पूर्व तैयारियों हेतु बनने वाली ग्राम आपदा प्रबन्धन कार्ययोजना, आपदा प्रबन्धन समिति तथा आपदा प्रबन्धन कार्यदल गठन के संबंध में उपस्थित जनों को वृहद रूप से जानकारी दी गयी तथा सभी से इस संबंध में विस्तार से चर्चा की गयी। तत्पष्चात् कार्ययोजना निर्माण हेतु ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, पटवारी तथा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों आदि से आपदा प्रबन्धन कार्ययोजना हेतु सूचनायें संकलित की गयी।
द्वितीय दिवस :-
द्वितीय दिवस के प्रषिक्षण कार्यक्रम में संस्थान के प्रषिक्षक डा0 श्री आर0 उपाध्याय ने प्रतिभागियों को आपदा, उसके कारण तथा आपदा की रोकथाम के लिए किये जाने वाले उपायों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होने आपदा के समय होने वाले नुकसान से बचने के लिए आपदा पूर्व क्या-क्या तैयारियां की जाये, के संबंध में तथा प्रथम सहायता/उपचार के बारे में विस्तार से बताया। संस्थान के प्रतिनिधि ने दैवीय आपदाओं की रोकथाम हेतु किये जाने वाले कार्यांे तथा आपदा के समय अपनाये जाने वाले तथ्यों के संबंध में प्रतिभागियों को विस्तार से बताया। जनपद आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा कैन्तुरा जी ने प्रषिक्षण आयोजित किये जाने की जरूरत तथा आपदा न्यूनीकरण हेतु सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों तथा इस हेतु चलाई जा रही योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। उन्होने सभी प्रतिभागियों से आपदा से पूर्व की जाने वाली तैयारियों के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की।
तृतीय दिवस :-
आपदा प्रबन्धन प्रषिक्षण के तृतीय दिवस के कार्यक्रम में संस्थान के प्रषिक्षक डा0 श्री आर0 उपाध्याय तथा संस्था प्रतिनिधि ने ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्यों तथा ग्राम के जिम्मेदार व्यक्तियों के साथ क्षेत्र भ्रमण किया। उन्होने सभी से ग्राम में आपदा के समय होने वाले नुकसान तथा उसकी रोकथाम हेतु विस्तार से चर्चा की। ग्राम प्रधान ने बताया कि गांव के बीच से गुजर कर गंगा नदी की तरफ जाने वाले रास्ते पर प्रतिवर्ष बरसात के समय काफी ज्यादा जल भराव हो जाता है कभी-कभी यह जल भराव दो से ढाई फुट तक भी हो जाता है। सभी ने उस रास्ते का स्थलीय निरीक्षण किया तथा जल भराव की रोकथाम हेतु किये जाने वाले कार्यों के संबंध मंे भी सभी से विस्तार से चर्चा की। प्रषिक्षण के समय की गयी चर्चाओं, संकलित की गयी सूचनाओं, तथा क्षेत्र भ्रमण कर इकट्ठा किये गये आवश्यक तथ्यों के आधार पर ग्राम आपदा प्रबन्धन कार्ययोजना बनाई गयी। इसी के साथ सभी से वार्ता करके ग्राम आपदा प्रबन्धन समिति तथा आपदा प्रबन्धन कार्यदल का गठन किया गया। तत्पष्चात् ग्राम सभा की खुली बैठक में ग्राम आपदा प्रबन्धन कार्ययोजना, आपदा प्रबन्धन समिति तथा आपदा प्रबन्धन कार्यदल का अनुमोदन कराते हुए तीन दिवसीय आपदा प्रबन्धन प्रशिक्षण कार्यक्रम का विधिवत् समापन किया गया।
प्रशिक्षक श्री विष्णु दत्त शर्मा द्वारा प्रशिक्षण की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य नव निर्वाचित प्रधानों को त्रि-स्तरीय पंचायत राज व्यवस्था, सुशासन, 73वाँ संविधान संशोधन, उत्तराखण्ड पंचायती राज अधिनियम 2016 के मुख्य बिन्दु, पंचायतों का गठन, कार्यकाल, बजट की आवश्यकता, सूचना का अधिकार 2005, ई-पंचायत एवं ए0पीजे0 अब्दुल कलाम ग्राम बदलाव योजना के सम्बन्ध में जानकारियाँ प्रदान करने के साथ-साथ ग्राम प्रधान सदस्यों को उनके कर्तव्य एवं अधिकारों के विषय में जानकारी प्रदान करना है ताकि वे अपने कार्यक्षेत्र में और अधिक पारदर्शिता एवं सुस्पष्टता के साथ कार्य कर सके। साथ ही प्रशिक्षण कार्यक्रम में संस्था प्रतिनिधि श्री सी0 पी0 शर्मा ने प्रतिभागियों को जानकारी देते हुए कहा कि पंचायतें अपनी समस्याओं एवं प्राथमिकताओं से भली-भाँति परिचित होती हैं अतः स्थानीय स्वशासन में लोगों की सहभागिता से योजनाएँ बनाने व लागू करने में स्थानीय निकाय की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने योजना के अन्तर्गत प्रतिनिधियों को नियोजन की विभिन्न प्रकार की प्रणालियों को अभ्यासों के माध्यम से अवगत कराया।
पसंस्थान द्वारा केन्द्रीय/राज्य समाज कल्याण बोर्ड के सहयोग से जनपद- हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल, टिहरी गढ़वाल एवं ऊधमसिंह नगर में संचालित पालनाघरों की मुख्य सेविकाओं के दो दिवसीय आवासीय प्रषिक्षण का आयोजन किया गया। संस्थान द्वारा उक्त प्रषिक्षण 02 सत्रों में आयोजित करते हुए कुल 69 मुख्य सेविकाओं को प्रषिक्षण प्रदान किया गया। उक्त प्रषिक्षण में मुख्य सेविकाओं को बच्चों के मानसिक एवं बौद्धिक विकास हेतु विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी देने के साथ ही बच्चों के लिए ज्ञानवर्धक खेल, नैतिक षिक्षा एवं स्कूल पूर्व षिक्षा प्रदान करने के सम्बंध में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गयी।